Gaurav Ka Vilom Shabd “गौरव” एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “गर्व” या “मान”। यह एक प्रकार की ऊँचाई या सम्मान की भावना है जो व्यक्ति द्वारा उनके स्वयं के या किसी अन्य व्यक्ति के कार्यों या गुणों के लिए प्रकट किया जाता है। इस लेख में, हम “गौरव” के विलोम शब्दों के बारे में चर्चा करेंगे।
गौरव का अर्थ और महत्व: “गौरव” का अर्थ होता है “गर्व” या “मान”। यह एक प्रकार की ऊँचाई या सम्मान की भावना है जो व्यक्ति द्वारा उनके स्वयं के या किसी अन्य व्यक्ति के कार्यों या गुणों के लिए प्रकट किया जाता है। गौरव स्वयं की पहचान और आत्मसम्मान के भावना का प्रतीक है जो समाज में अहम् भूमिका निभाता है। इसका महत्वपूर्ण असर हमारे व्यक्तिगत विकास और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए होता है।
गौरव के विलोम शब्द:
- अवमान: गौरव के विपरीत, अवमान, अपमान।
- निर्मान: गौरव के विपरीत, निर्मान, निमानसा।
समाप्ति: Gaurav Ka Vilom Shabd “गौरव” के विलोम शब्द हमें अवमान और निर्मान के अर्थ को समझाते हैं। ये शब्द गौरव से विपरीत होते हैं और हमें विभिन्न परिस्थितियों और अवसरों के बारे में सोचने के लिए बताते हैं जहां गौरव की स्थिति से दूर होने का अनुभव होता है। हमें अपने दैनिक जीवन में ये विलोम शब्दों का समयबद्ध उपयोग करके समयबद्ध और उचित रूप से परिस्थितियों का मूल्यांकन करना चाहिए और विभिन्न मुद्दों पर विचार करने की क्षमता का विकास करना चाहिए। “गौरव” और उसके विलोम शब्द दोनों ही हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं और हमें समझाते हैं कि अपने गर्व और सम्मान को संवर्धित करने के लिए सकारात्मक पहल करना क्यों जरूरी है।
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