Dharm Ka Vilom Shabd धर्म शब्द भारतीय संस्कृति और जीवनशैली के लिए एक महत्वपूर्ण अर्थ रखता है। धर्म हमें सही और गलत के बीच अंतर को समझाता है और सभ्य और नैतिक मानसिकता को अभिव्यक्त करने का एक माध्यम प्रदान करता है। इसलिए, धर्म एक व्यक्ति के व्यक्तित्व और विचारधारा को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम धर्म के विलोम शब्दों के बारे में चर्चा करेंगे।
धर्म का अर्थ और महत्व: धर्म एक व्यक्ति के व्यक्तित्व और आचार-विचार की प्रकृति को परिभाषित करने वाला शब्द है। यह एक व्यक्ति के संस्कृति, समाज, और सामाजिक मानसिकता को प्रभावित करता है। धर्म व्यक्ति के आदर्शों, मूल्यों, और नैतिक मूल्यांकन के आधार पर उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। धर्म व्यक्ति के जीवन के लिए एक मार्गदर्शक होता है जो उन्हें सही और नैतिक रास्ता दिखाता है।
धर्म के विलोम शब्द:
- अधर्म: धर्म के विपरीत, अधर्म अनुष्ठान, अधार्मिक, अधार्मिकता, अनैतिक।
- अनुष्ठान: धर्म के विपरीत, अधर्म अनुष्ठान, अधार्मिक, अधार्मिकता, अनैतिक।
- अधार्मिक: धर्म के विपरीत, अधर्म अनुष्ठान, अधार्मिक, अधार्मिकता, अनैतिक।
- अधार्मिकता: धर्म के विपरीत, अधर्म अनुष्ठान, अधार्मिक, अधार्मिकता, अनैतिक।
समाप्ति: Dharm Ka Vilom Shabd “धर्म” के विलोम शब्द हमें अधर्म, अनुष्ठान, अधार्मिक, और अधार्मिकता के अर्थ को समझाते हैं। धर्म एक व्यक्ति के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमें इसे अपने जीवन में समर्थन और अनुष्ठान करना चाहिए। धर्म एक व्यक्ति के जीवन में ईमानदारी, नैतिकता, और सच्चाई को प्रोत्साहित करता है और हमें सही और गलत के बीच अंतर को समझकर सही और नैतिक रास्ता चुनने में मदद करता है।
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